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सारांश
आयुक्त कर उत्तराखण्ड के अधीनस्थ मनोरजन कर विभाग संचालित है । शासनादेश संख्या-2354/वि0सं0वि0/2001 दिनांक 16.6.2001 के अन्तर्गत आयुक्त कर के नियंन्त्रण में मनोरंजन कर विभाग से संबधित स्थापना एवं प्रशासनिक कार्या का निस्तारण प्रारम्भ किया गया । सर्व प्रथम शासन द्वारा मुख्यालय हेतु एक सहायक आयुक्त मनोरंजन कर का पद सृजित किया गया था, जिसे बाद में शासन द्वारा दोनों मण्डलों हेतु सहायक आयुक्त के 02 पद और सृजित किये गये थे । शासनादेश संख्या-199/2014/xxvii(9)/मनो0कर-30/2008 दिनांक 06.8.2014 द्वारा मनोरंजन कर के अस्थायी पदो को स्थायी किया गया, जन्पद देह्र्रादून , हरिद्वार, उधमसिघ्नगर, नैनीताल के लिये ०4 सहायक आयुक्त के पद सृजित है तथा शेश 09 जन्पदो मे जिला मनोरन्जन कर अधिकारी के पद सृजित किये गये है
विभाग का मुख्य कार्य स्थाई एवं अस्थाई आमोदांे से मोरंजन कर की वसूली करना, करापवंचन रोकना तथा जनता को सस्ते दर पर मनोरजन उपलब्ध कराना है। जिसमें अवैध रूप से प्रसारित फिल्मों पर रोक लगाना तथा राजस्व की अधिक से अधिक वसूली हेतु प्रवर्तन कार्य किया जाना भी सम्मिलित है, जिससे करापवंचन की संभावना न रहे ।
इस विभाग की स्थापना सन् 1937 में हुई थी । विभाग का मुख्य कार्य विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई मनोरजनों के श्रोतों से राजस्व संग्रह करना तथा करापवंचन रोकना है । पूर्ववर्ती राज्य उत्तर प्रदेश में विभाग की संरचना काफी विस्तृत थी, परन्तु उत्तराखण्ड राज्य उत्तर प्रदेश से काफी छोटा होने के कारण विभाग की संरचना काफी कम है ।