Hit Counter0000331962Since: 01-02-2013
Serial No. | Description | Referance No and date . |
1- | मनोरंजन कर वसूली विषयक आमोदों की सूची व मनोरंजन कर की दरें | 58/XXVII(9) dated 06-9-2010 |
2- | सिनेमागृह के टिकटों पर मनोरंजन कर की वर्तमान दरें | 192/2011/XXVII(9) dated 31-5-2011 |
3- | अन्य आमोदों पर मनोरंजन कर निर्धारण | 39/XXVII(9) dated 15-5-2012 |
4- | मनोरंजन पार्कों को मनोरंजन कर की परिधि में लाने विषयक | 594/XXVII(9)/2012 dated 26-12-2012 |
5- | बंजी जम्प को मनेारंजन कर से मुक्त करने विषयक | 19/2013/XXVII(9) dated 24-02-2013 |
6- | रीवर राफ्टिंग को कर मुक्त करने विषयक | 73/2013/XXVII(9) dated 25-2-2013 |
7- | फिल्म राजुला को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 481/XXVII(9) dated 31-12-2013 |
8- | फिल्म अन्ज्वाल को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 89/XXVII(9) dated 24-9-2014 |
9- | फिल्म च्रार साह्बजादे को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 306 /XXVII(9) dated 20-11-2014 |
10- | फिल्म ल्या थुगार को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 34 /XXVII(9) dated 25-02-2015 |
11 | उत्तराखण्ड आमोद और पणकर सन्शोधन अधिनियम,2015 | 100 /XXVII(9) dated 31-03-2015 |
12- | फिल्म चल गुरु हो जा शुरु को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 23 /XXVII(9) dated 17-04-2015 |
13- | फिल्म माज्हि को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 156 /XXVII(9) dated 20-08-2015 |
14- | मनोरंजन कर की दरो के सम्बन्ध मे |
141 /XXVII(9) dated 17-08-2015 |
15- | मनोरंजन कर निरीक्षक सेवा नियमावली |
205/XXVII(9) dated 21-10-2015 |
16- | फिल्म नीति | 38 /XXII(9) dated 10-08-2015 |
17- | होट्लो को मनोरन्जन कर मुक्त सम्बन्धित | 188 /XXII(9) dated 18-11-2015 |
18- | उत्तराखण्ड चलचित्र विनियम सन्शोधन अधिनियम,2015 | 330 /XXXVI(3) dated 17-11-2015 |
19- | रीवर राफ्टिंग को मनोरन्जन कर की परिधि मे लाने विषयक | 331 /XXXVI(3) dated 17-11-2015 |
20- | अनुदान योजना का विस्तारण | 122 /XXXVII(9) dated 09-12-2015 |
21- | द साइलेन्ट हीरोज को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 31/XXVII(9) dated 23-2-2016 |
22- | आनलाइन रजिस्टिंरशन |
144/manokar/ dated 10-6-2016 |
23- | शाटिंकट सफारी को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 116/XXVII(9) dated 13-6-2016 |
२5- | उत्तराखण्ड आमोद और पणकर सन्शोधन अधिनियम,2016 | 240 /XXVII(9) dated 08-08-2016 |
26- | फिल्म mission tiger को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 144 /XXVII(9) dated 09-08-2016 |
27- | फिल्म Hello UK को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 157 /XXVII(9) dated 09-08-2016 |
28- | Aero Sports tax free | 144/2016/XXVII(9) dated 23-8-2016 |
29- | फिल्म Badang को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 220/2016/XXVII(9) dated 09-12-2016 |
30- | होट्लो को मनोरन्जन कर मुक्त सम्बन्धित | 237/2016/XXVII(9) dated 22-12-2016 |
31- | फिल्म DANGAL को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 239/2016/XXVII(9) dated 26-12-2016 |
32- | 1000 मी० से ऊपर स्थित सिनेमा को 05 वर्शो तक मनोरन्जन क्र्र से मुक्ति विषयक | 401/XXII/16-3(4)2015 dated 23-12-2016 |
33- | फिल्म Gopi Bhina को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 38/2017/XXVII(9)/मनो0 कर-01/2017(298.4 KB) |
34- | फिल्म Badri - The Cloud को मनोरंजन कर से मुक्त करने विषयक | 68/2017/XXVII(9)/मनो0 कर-02/2017(331.5 KB) |
35- | एरो खेल पर मनोरंजन कर अधिरोपण | -/2017/XXVII(9)/मनो0 कर-10/2014(84.4 KB) |
1. उत्तराखण्ड चलचित्र (विनियमन) अधिनियम,1955:- उक्त अधिनियम सिनेमा भवनों के निर्माण, उसमें स्थापित होने वाले उपकरण, सिनेमा लाइसेंस प्रदान करने, लाइसेंस शर्तें निर्घारित करने एवं उनके उल्लंधन की दशा में अर्थदण्ड लगाने से सम्बंधित है। इसमें स्थायी /अस्थायी सिनेमा, वीडियो सिनेमा एवं वीडियो लाइब्रेरी को लाइसेंस लेने की बाध्यता, लाइसेंसिंग प्राधिकारी की सीमाओं को परिभाषित किया गया है। इस अधिनियम की धारा-7 के अंतर्गत लाइसेंस को निलंबित करने व प्रतिसंहित करने, धारा-8 के अंतर्गत समक्ष न्यायालय द्वारा दंड, धारा-8-ए के अंतर्गत सिनेमा स्वामी द्वारा इस हेतु लिखित प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करने पर अपराध शमन करने के प्राविधान हंै। इस अधिनियम के अंतर्गत अपराध शमन का अधिकार जिला मजिस्ट्रेट तथा मनोरंजन कर आयुक्त दोनों में निहित है। इस अधिनियम के प्राविधानों का अनुपालन हेतु प्रक्रिया विहित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा निम्नलिखित दो नियमावलियां प्रख्यापित की गयी हैं-
1. (क) उत्तराखण्ड चलचित्र नियमावली,1951- इस नियमावली में केवल सिनेमागृहों के निर्माण से सम्बंधित आवेदन पत्र देने, निर्माण की अनुमति प्रदान करने तथा निर्माणोपरांत लाइसेंस प्रदान करने की प्रक्रियायें विहित हैं। इसके अंतर्गत सिनेमा भवन में दर्शकों की सुविधा हेतु स्वच्छता, अग्निशमन- सुरक्षा,विद्युत सुरक्षा, आसन व्यवस्था, ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था के सम्बंध में मानक एवं प्राविधान निहित हैं। वर्तमान में यही नियमावली मल्टीप्लेक्स निर्माण एवं लाइसेंस की कार्यवाही पर भी प्रभावी है। इसी नियमावली के अंतर्गत अस्थायी सिनेमा को लाइसेंस देने एवं नवीनीकृत करने सम्बंधित प्रक्रियायें भी विहित हैं।
(ख) उत्तराखण्ड वीडियो प्रदर्शन(विनियमन) नियमावली,1988- इस नियमावली के अन्तर्गत स्थायी व अस्थायी वीडियो सिनेमागृहों के निर्माण ,लाइसेंस प्रदान करने सम्बंधी प्रक्रिया विहित है। इसके साथ ही इसमें वीडियो लाइबे्ररियों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया भी विहित है। इसमें स्थायी वीडियो सिनेमा भवन के मानक तथा इसमें दर्शकों की सुविधा हेतु सफाई, सुरक्षा, आसन व्यवस्था एवं ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था सम्बंधी प्राविधान भी निहित हैं। इस नियमावली में स्थायी व अस्थायी वीडियों सिनेमाओं की अवस्थिति के सम्बन्ध में भी ऐसे स्थानीय क्षेत्र जहां स्थायी भवन में छविगृह चल रहे हैं, वहां से दूरियां भी विहित हैं।
2. उत्तराखण्ड आमोद एवं पणकर अधिनियम,1979. यह अधिनियम लाइसेंस/अनुज्ञा प्राप्त आमोदों से कर की वसूली के संबंध में प्राविधान करने तथा इस कार्यवाही में अनियमितता बरतने के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही के प्राविधान है । इस अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न आमोदों के लिये कर की दर निर्धारित करने हेतु अधिसूचनायें जारी करने का अधिकार राज्य सरकार में निहित है । राज्य सरकार इस अधिनियम के अंतर्गत किसी आमोद को कर देयता के उत्तरदायित्व से मुक्त भी कर सकती है । इस अधिनियम के अंतर्गत राज्य सरकार किसी आमोद/फिल्म/दर्शकों के किसी वर्ग को सामान्य जन के लाभार्थ कर मुक्त कर सकती है । इस अधिनियम के अन्तर्गत प्रमुख उल्लेखनीय प्राविधान निम्नलिखित हैं -
(1) कोई भी व्यक्ति किसी कर देय प्रदर्शन का आयोजन बिना संबंधित जिला मजिस्टेªट को पूर्व सूचित किये बिना नहीं कर सकता है ।
(2) कोई व्यक्ति वैघ एवं उचित टिकट के बिना किसी आमोद में प्रवेश नहीं कर सकता है ।
(3) यदि किसी आयोजक द्वारा किन्हीं कारणों से मनोरंजन कर अधिक जमा कर दिया गया हो तो उसे वापस करने हेतु संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को आवेदन करने तथा नियमानुसार वापस करने या उसे समायोजित करने की व्यवस्था है ।
(4) कोई व्यक्ति किसी आमोद के टिकट को लाभ के लिये पुनः विक्रय नहीं कर सकता है ।
(5) कर अपवंचन का प्रकरण पाये जाने पर मनोरंजन कर आयुक्त द्वारा कर निर्धारण के साथ-साथ अधिकतम् ृ20,000 तक शास्ति भी लगाई जा सकती है ।
(6) प्रत्येक आमोद का स्वामी निरीक्षण अधिकारियों को उचित सहयोग दिये जाने के लिये वाध्य है । निरीक्षण अधिकारी निरीक्षण हेतु अभिलेख की मांग कर सकता है, जिसे प्रस्तुत करने की वाध्यता आमोद के स्वामी पर है । निरीक्षण अधिकारी द्वारा किसी भी अभिलेख को अपने कब्जे में लिया जा सकता है ।
(7) करापवंचन की स्थिति तथा अन्य अनियमिततायें पाये जाने पर जिला मजिस्टेªट अथवा मनोरंजन कर आयुक्त द्वारा प्रदत्त लाइसेंस/अनुज्ञा को निलम्बित/प्रतिसंहत भी किया जा सकता है ।
(8) इस अधिनियम के अंतर्गत किसी अनियमितता के लिये आमोद के स्वामी द्वारा इस निमित्त लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर मनोरंजन कर आयुक्त द्वारा अपराध शमन किया जा सकता है ।
(9) इस अधिनियम के अंतर्गत देय कर को निर्धारित अवधि के अन्तर्गत न जमा करने पर ब्याज का प्राविधान भी है ।
(10) इस अधिनियम के अंतर्गत बाजी कर, टोटलाइजेटर कर तथा मनोरंजन कर का उदग्रहण का प्राविधान भी है । यह प्राविधान घुडदौड़ पर बाजी लगाने के संदर्भ में भी प्रभावी होता है ।
इस अधिनियम के प्राविधानों के अनुपालन हेतु प्रक्रिया विहित करने के लिये निम्नलिखित तीन नियमावलियां राज्य सरकार द्वारा प्रख्यापित की गयी है -
(क) उत्तराखण्ड आमोद और पणकर नियमावली,1981 उत्तराखण्ड आमोद एवं पणकर नियमावली, 1981 में उक्त अधिनियम में दी गयी व्यवस्थाओं को लाग कराने हेतु प्रकिया विहित की गयी है, जिसके अन्तर्गत मुख्यतः टिकट का प्रारूप, टिकट जारी किये जाना, कर का राजकोष में भुगतान की प्रक्रिया, कर सम्मत भुगतान की प्रक्रिया विहित की गयी है । इस नियमावली में जिला मजिस्टेªट अथवा मनोरंजन कर आयुक्त के आदेश से क्षुब्ध होकर, शासन के समक्ष अपील दायर करने की प्रक्रिया, सिनेमा स्वामी के विरूद्ध नोटिस तामील करने की प्रक्रिया तथा अधिनियम/नियमावली के प्राविधानों के उल्लंघन के लिये दायर वादों की पैरवी की प्रक्रिया भी विहित है ।
(ख) उत्तराखण्ड केबिल टेलीविजन नेटवर्क (प्रदर्शन) नियमावली,1997. इस नियमावली के अन्तर्गत केबिल टी0वी0 के नेटवर्क को अनुमति दिये जाने, प्रतिमाह एकत्रित मनोरजन कर राजकोष में जमा करने, प्रतिभूति जमा करने, नोटिस को तामील करने तथा किसी आदेश से क्षुब्ध होकर अपील दायर करने संबंधी प्रक्रियायें विहित है । इस नियमावली में देय मनोरंजन कर निर्धारित समायन्तर्गत राजकोष में जमा न करने पर ब्याज लगाने की प्रक्रिया भी विहित है । इस नियमावली में प्रमुख बात यह है कि प्रत्येक केबिल आपरेटर को केबिल संयोजन देते समय उपभोक्ताओं को पंजीकरण कार्ड जारी करना अनिवार्य है।
(घ) उत्तराखण्ड डी0टी0एच0 प्रसारण सेवा (प्रदर्शन) नियमावली,2009. इस नियमावली के अन्तर्गत डी0टी0एच0 प्रसारण सेवा की अनुमति का नवीनीकरण किये जाने, प्रतिमाह एकत्रित मनोरंजन कर राजकोष में जमा करने, प्रतिभूति जमा करने, नोटिस तामील करने तथा किसी आदेश के विरूद्ध अपील दायर करने की प्रक्रिया विहित है । मासिक देय मनोरंजन कर निर्धारित समयान्तर्गत राजकोष में जमा करने में विफल रहने पर पर ब्याज की वसूली करने का प्राविधान भी नियमावली में विहित है ।
उक्त अधिनियमों के अन्तर्गत समय-समय पर शासन द्वारा निम्न निर्देश भी जारी किये गये हैं:-
(i) अनुमोदित फिल्मों का अनिवार्य प्रदर्शन-अधिसूचना संख्या-तीस.एम(16)/ 81-वित्त(म0कर) अनुभाग, दिनांक 11.01.1982 के द्वारा प्रत्येक लाइसेंस गृहीता को अपने छविगृह के प्रत्येक प्रदर्शन में कम से कम दो हजार फिट लम्बी अनुमोदित फिल्म का प्रदर्शन करना अनिवार्य किया गया है, जिससे समय-समय पर देश मे हो रही घटनाओं/शासन की नीतियों की जानकारी सिनेमा के माध्यम से जन सामान्य को कराया जा सकता है ।
(ii) उत्तराखण्ड चलचित्र (विनियमन)अधिनियम,1955 की धारा-7. जिसमें किसी अनियमितता पाये जाने पर लाइसेंस निलम्बन/प्रतिसंहत/निरस्त करने का प्राविधान है, के संदर्भ में अधिसूचना संख्या-बीस.एम.(47)-(2)-76-वित्त (मनो0कर) अनुभाग, दिनांक 19 मई 1977 के द्वारा मनोरंजन कर आयुक्त को भी लाइसेंस प्राधिकारी बनाया गया है ।
(iii) उत्तराखण्ड चलचित्र (विनियमन)अधिनियम,1955 की धारा-8-क. जिसमें किसी अपराध का शमन करने का अधिकार लाइसेंस प्राधिकारी को है, के संदर्भ में अधिसूचना संख्या-2146/11-म.क.बीस.आर.(7)-91 दिनांक 11.10.1991 के द्वारा जिला मजिस्टेªट के साथ मनोरंजन कर आयुक्त को भी लाइसेंस प्राधिकारी बनाया गया है ।
(iv) उत्तराखण्ड आमोद और पणकर अधिनियम,1979 की धारा-8. जिसमें शासन को कर जमा करने हेतु ऐसी शर्त विहित करे, पर कहने का अधिकार है, के संदर्भ में अधिसूचना संख्या-30ई.बी.-5(2)-76-वित्त (मनो0कर) अनुभाग, दिनांक 17.8.1981 द्वारा जिला मजिस्टेªट तथा मनोरंजन कर आयुक्त को अधिकृत किया गया है ।
(v) उत्तराखण्ड आमोद और पणकर अधिनियम,1979 की धारा-11(1) के अन्तर्गत बाल फिल्म समिति, भारत द्वारा निर्मित/अधिगृहीत फिल्मों को करमुक्त करने का अधिकार अधिसूचना संख्या-30ई.बी.-4(25)-75-वित्त (मनो0कर) अनुभाग, दिनांक 08.10.1985 के द्वारा जिला मजिस्टेªट को प्रदान किया गया है ।
(vi) उत्तराखण्ड आमोद और पणकर अधिनियम,1979 की धारा-32. के अन्तर्गत पुलिस को सूचना देने हेतु अधिसूचना संख्या-30ई.बी.-4(25)-75-वित्त (मनो0कर) अनुभाग, दिनांक 08.10.1985 के द्वारा आयुक्त, उपायुक्त (मुख्यालय)को पूरे उत्तराखण्ड के लिये तथा सहायक आयुक्त, जिला मनोरंजन कर अधिकारी एवं जिला मजिस्टेªट को संबंधित जिले के लिये प्राधिकारी अधिकृत किया गया है ।
3. उत्तराखण्ड विज्ञापन कर अधिनियम,1981. इस अधिनियम के अन्तर्गत सिनेमा के पर्दे पर प्रदर्शित होने वाले विज्ञापनों जिसमेकं लघु चित्र, टेªलर स्लाईड अथवा अन्य प्रकार के विज्ञापन सम्मिलित है, के प्रदर्शन पर मनोरंजन कर वसूल करने लेखा-जोखा रखने, कर की देयता से छूट देने, करापवंचन की स्थिति, कर का निर्धारण करने, निरीक्षण करने, शास्ति लगाने आदि के प्राविधान है । इस अधिनियम में एकत्रित विज्ञापन कर की धनराशि स्थानीय निकाय को भुगतान करने का प्राविधान है । इस अधिनियम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड विज्ञापन कर नियमावली,1983 प्रक्ष्यापित की गयी है, जिसमें अधिनियम के प्राविधानों का अनुपालन की प्रक्रिया भी की गयी है
4. उत्तराखण्ड धूम्रपान निषेध (सिनेमाघर) अधिनियम,1952. इस अधिनियम के अन्तर्गत सिनेमा के श्रोतालय में प्रदर्शन के दौरान धूम्रपान को प्रतिबन्धित किया गया है, तथा ऐसा करते पाये जाने पर राज्य सरकार द्वारा अधिकृत व्यक्ति को धूम्रपान करने से मना करने का प्राविधान है । यदि कोई व्यक्ति नहीं मानता है तो ऐसे व्यक्ति को उप निरीक्षक से अनिम्न स्तर के अधिकारी द्वारा बिना वारण्ट के गिरफ्तार करने का प्राविधान है । ऐसे व्यक्ति के ऊपर ृ50 तक अधिरोपित किया जा सकता है ।
उक्त के अतिरिक्त केन्द्र सरकार द्वारा भी कतिपय अधिनियम/नियमावलियां प्रख्यापित की गयी हैं, जिन्हें राज्य सरकार (वित्त अनुभाग-9 के अन्तर्गत मनोरंजन कर विभाग) द्वारा व्यवहृत किया जाता है, जिनका विवरण निम्नवत है:-
(1) सिनेमाटोग्राफ एक्ट,1952- इस अधिनियम के अध्याय 1 तथा अध्याय प्प् फिल्मों के प्रमाणन तथा अध्याय प्प्प् में फिल्म प्रदर्शन का विनियमन संबंधी प्राधिान है । उत्तराखण्ड फिल्म प्रदर्शन का विनयमन हेतु उत्तराखण्ड चलचित्र (विनियमन) अधिनियम,1955 प्रख्यापित है । इस कारण उत्तराखण्ड में सिनेमाटोग्राफ एक्ट,1952 काभाग प् एवं प्प् ही प्रभावी है । इन प्राविधानों के अनुपालन के लिये सिनेमाटोग्राफ (सर्टिफिकेशन) रूल्स, 1983 प्रख्यापित है ।
(2) द इन्डीसेन्ट रिप्रजेन्टेशन आॅफ आमेन (प्रोहिबिशन)एक्ट,1986- इस अधिनियम के अन्तर्गत स्त्रियों का अशिष्ट रूपण करने वाले विज्ञापनों,पुस्तकों, पम्पलेटों का प्रकाशन या डाक द्वारा प्रेषण को प्रतिषेध किया किया गया है । इस अधिनियम के अन्तर्गत ऐसे संदिग्ध स्थानों में प्रवेश, तलाशी का अधिकार किसी राजपत्रित अधिकारी को प्रदत्त है । इस अधिनियम के अन्तर्गत अपरोध संज्ञेय है तथा जमानतीय है । इस अधिनियम के अन्तर्गत प्राविधानों का अनुपालन करने के लिये प्रक्रया विहित करने हेतु द इन्डीसेन्ट रिप्रजेन्टेशन आॅफ आमेन (प्रोहिबिशन) रूल्स,1987 प्रख्यापित की गयी है, जिमसें अशिष्ट सामग्रियों को सीज करने, पैक करने तथा बर्ताव करने तथा सील करने की रीति आदि विहित है।
(3) केबिल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम,1995. इस अधिनियम में केबिल टैलीविजन नेटवर्क का पंजीकरण, प्रोग्राम कोड, विज्ञापन कोड, रजिस्टर का रखरखाव दूरदर्शन के चैनलों का अनिवार्य प्रसारण, मानक उपस्करों का उपयोग तािा किसी दूसरे दूर संचार में हस्ताक्षेप न करने संबंधी प्राविधान है । इस अधिनियम के अन्तर्गत अनियमितता पाये जाने पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा नेटवर्क का उपस्कर अधिगृहीत करने, अधिग्रहण करने तथा अर्थदण्ड सहित कारावास की सजा का भी प्राविधान है । इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय होंगे । लोकहित में किसी कार्यक्रम अथवा किसी केबिल टेलीविजन का संचालन प्रतिष्द्धि करने की भी शक्तियां प्राधिकृत अधिकारी में निहित है । इस अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा नेटवर्क का पंजीकरण करने, प्रोग्राम कोड, विज्ञापन कोड, रजिस्टर रखने आदि की प्रक्रिया विहित है । वर्तमान में प्रत्येक जनपद के मुख्य डाकघर के मुख्य डाकपाल को पंजीकरण अधिकारी अधिसूचित किया गया है । प्राधिकृत अधिकारी के रूप में जिला मजिस्टेªट, अपर जिला मजिस्टेªट, उप जिला मजिस्टेªट तथा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित मनोरंजन कर आयुक्त, उपायुक्त, सहायक आयुक्त तथा जिला मनोरंजन कर अधिकारी अधिकृत है ।
(4) केबिल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) सन्शोधन अधिनियम, 2011.